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Wednesday 13 February 2019

Gazab Bihar- ग़ज़ब बिहार

ग़ज़ब बिहार  

Written By: Kumar Anshu & Anil Pandeyy

एक  बिहारी सौ  बीमारी  और  एक  बिहारी  सब  पे  भारी....इन दोनों कहावत से तो आप बखूबी परिचित होंगे. लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है, शायद आप इसे नहीं जानते होंगे. आज हम आपको इन दोनों बातों से अवगत कराएंगे.
पटना का गोलघर 


एक बिहारी सौ बीमारी 
यह सच है कि बिहारी कहीं भी जाते हैं तो अपना जामा दूसरों को पहनाते हैं. बिहार के लोगों को किसी अन्य रंग की ज़रूरत नहीं पड़ती, बल्कि वो अपने रंग में हर किसी को रंग देते हैं और यह बात लोगों को हजम नहीं होती.लेकिन सोचने वाली बात तो यह कि इसमें दिक्कत क्या है? यह खूबी तो है कि बिहारी अपने रंग में सबको रंग देते हैं. 
दुसरी बात यह कि लोग ऐसा कहते हैं कि बिहारी कहीं भी चले जाएँ, अपनी भाषा, अपने बोल-चाल नहीं छोड़ते हैं. अगर पंजाबी, गुजराती या अन्य किसी भी राज्य के लोग अपनी भाषा नहीं बदलते तो बिहारी क्यों बदलें...? उनके भाषा भी तो उनके लिए शान है. और आज देख लीजिये कि बिहारी भाषा की बीमारी हर किसी किसी को लग गयी है. रीयल लाइफ हो या रील लाइफ...बिना बिहारी भाषा के कुछ भी सम्भव नहीं है. 

हर किसी को पता है कि शून्य के बिना कोई भी गणित अधूरी है. लेकिन शून्य की बीमारी आपको किसने लगाया...? आप कहेंगे- आर्यभट्ट ने तो आर्यभट्ट कहाँ के थे....? "बिहार से".
भारतीय तिरंगे की शान :"अशोक चक्र"- किसने दिया था...? आप कहेंगे -अशोक महान ने. तो अशोक महान कहाँ से थे- बिहार से.  
तो ज़रा सोचिये, क्या इस बीमारी के बिना आप रह सकते हैं...? और क्या यह लत ग़लत है...?  यकीन कीजिये- एक बिहारी जो सौ बीमारी पैदा करता है उसमें आप ही की भलाई है. चाहे वो बोल-चाल हो, खान-पान हो, कला हो,भाषा हो,  ज्ञान या विज्ञान हो, धर्म या कर्म हो, शान्ति या क्रान्ति हो...हर क्षेत्र में बिहारी आज आगे  हैं. बिहारियों की बीमारी भी दुनिया में सबसे अलग है. तभी तो कहते हैं "एक बिहारी, सौ बीमारी".

Gazab Bihar
बिहार की संस्कृति को दुनिया से अवगत कराने वाले "बिदेसिया" के निर्देशक "संजय उपाध्याय जी" 

एक बिहारी, सब पे भारी 
हर छोटे से छोटा काम अगर कोई कर सकता है तो वो है बिहारी. हर बड़ा से बड़ा काम अगर कोई कर सकता है तो वो है बिहारी. बिहारियों को अशिक्षित कहा जाता है, गंवार कहा जाता है, जो कि बिलकुल ही सत्य से परे है. 
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे. कितने गौरव और शान की बात है...? हर साल देश से सबसे ज़्यादा IAS अगर कहीं से निकलते हैं तो बिहार से. इसके अलावा बिहार की मिट्टी से अन्य क्षेत्रों में भी अनेकों लोग अपना परचम लहरा रहे हैं. 
बिहार की कला, संस्कृति, बोल-चाल दुनिया में सबसे अलग है, जिसका कोई जोड़ नहीं है. आप देख लीजिये बिहारी किसी से कम नहीं हैं, बल्कि हर क्षेत्र में सब पे भारी हैं. अगर आप बिहार को नज़दीक से देखेंगें तो आप भी ज़रूर कहेंगे "एक बिहारी, सब पे भारी".

ग़ज़ब बिहार 
हम अपने ब्लॉग गज़ब बिहार के माध्यम से आपको पूरे बिहार का भ्रमण करायेंगें.  बिहार की कला, संस्कृति, खान-पान ,रहन-सहन, बोल-चाल, बिहार के इतिहास, यहां के रहस्यों खूबसूरत जगहों और यहां के व्यक्तित्व से जब आपको  परिचित कराएंगे तो आपके मुंह से भी ज़रूर एक बार निकलेगा- "ग़ज़ब बिहार".
हम आपका स्वागत करते हैं. आप हमारे ब्लॉग से जुड़िये. आप भी अच्छी तस्वीरें भेजिए बिहार के किसी भी कोने की. हम इस ब्लॉग के माध्यम से उसे दुनिया को दिखाएंगे और बताएंगें बिहार के बारे में. ताकि दुनिया भी कहे- "गज़ब बिहार".

1 comment:

  1. Thanks For Your Appreciation...With comment, please add your name Also...Thanks

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