Gazab Bihar- चलिए, राजगीर चलते हैं - गज़ब बिहार

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Friday 15 February 2019

Gazab Bihar- चलिए, राजगीर चलते हैं

Gazab Bihar
Rajgir-Vishwa Sgabti stup
Vihswa Shanti Stup
- चलिए, राजगीर चलते हैं 

गज़ब बिहार के साथ चलिए राजगीर का भ्रमण कीजिये. आप सोच  रहे होंगे कि  ऐसा क्या है वहाँ? पर वास्तव में जब एक बार आप वहाँ जायेंगे और वहाँ की वादियों को देखेंगे तो आपके मुंह से भी निकल जाएगा- "गज़ब बिहार".

इसमें दो मत नहीं है कि बिहार में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक और ख़ूबसूरत दर्शनीय स्थल हैं, जो पर्यटकों का केंद्र है.

बिहार की बात आये और राजगीर की चर्चा ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि बिहार की आन, बान और शान है राजगीर. प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर और शुद्ध वातावरण से घिरा हुआ राजगीर धरती पर किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. यह एक ऐतिहासिक स्थल के साथ-सात धार्मिक स्थल भी है, जिसमें ना जाने कितने रहस्य और कितनी कहानियां छुपी हुयी हैं. 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राजगीर कभी ब्रह्मा की पवित्र यज्ञ भूमि और जैन तीर्थंकर महावीर और भगवान बुद्ध की साधनाभूमि रही है. ख़ास कर के राजगीर का बौद्ध धर्म से बहुत प्राचीन सम्बन्ध  रहा है. महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन का कई वर्ष यहाँ बिताया था और उन्होंने कई उपदेश भी यहीं से दिया था.
Rajgir Mountain-Gazab Bihar

पटना से 60KM की दूरी पर 5 पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच स्थित राजगीर हिन्दू, जैन और बौद्ध- तीनों धर्मों का धार्मिक स्थल है.
 यहाँ हर साल हज़ारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. जो एक बार राजगीर आ गया, उसका मन और हृदय यहीं का हो कर रह जाता है. "गज़ब बिहार" का दावा है, आप भी यहाँ आईये... आप अपने साथ कई यादें ले कर जाएंगे.  

राजगीर के 6 प्रमुख दर्शनीय स्थल
"गज़ब बिहार"आपको राजगीर के 6  उन दर्शनीय स्थलों के बारे में  बताने जा रहे हैं, जो प्रसिद्ध हैं. 
वेणुवन 
राजा बिम्बिसार द्वारा भगवान बुद्ध को रहने के लिए जो निवास स्थान बनवाया था उसे "वेणुवन" के नाम से जाना जाता है. बुद्ध कई सालों तक "वेणुवन" में समय व्यतीत किये थे.


विश्व शान्ति स्तूप 
इस स्तूप का व्यास 103 फुट व ऊंचाई 120 फुट है, जो पर्यटकों के आकर्षण का बहुत बड़ा केंद्र है. विश्व शान्ति का सन्देश देने वाला यह स्तूप राजगीर जापान बौद्ध संघ के अध्यक्ष 'निचिदात्सु फूजी" की कल्पना का एक ऐतिहासिक धरोहर है. 

पंच पहाड़ी 
राजगीर पांच पहाड़ियों से  घिरा हुआ है और जिन पांच पहाड़ियों ने राजगीर को घेर रखा है उन्हें "पंच पहाड़ी" के नाम से जाना जाता है. विदित हों की ये पाँचों पहाड़ियां 1000 फुट ऊंची हैं और इन पाँचों पहाड़ियों के नाम हैं- वैभार, विपुलाचल, रत्नागिरी, उदयगिरि और सोनगिरि. 

जरासंध की बैठक 
जैसा की जरासंध की कहानी सभी जानते हैं. यह एक बेहद ऊंचा स्थान है. जरासंध की बैठक प्राकृतिक रूप से वैभार जाने वाले रास्ते में बना है. जरासंध अपने दरबारियों की मंडली यहीं पर बिठाता था. बौद्ध समुदाय के लोग इसे पिप्पल गुफा कहते हैं. 

बिम्बिसार की जेल 
अगर आप राजगीर जा रहे हैं तो "बिम्बिसार की जेल" का दीदार करना ना भूलें. क्योंकि अधिकाँश पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र यह स्थल भी है.  मनियार मठ के करीब २०० फुट लम्बी, करीब एक किलोमीटर की दूरी तक पत्थरों की दीवारों से घिरी यह चौड़ी जेल अपने आप में ऐतिहासकि है. अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को इसी जगह कैद कर रखा था.

गर्म पानी का झरना- राजगीर कुंड 
राजगीर का "गर्म पानी का झरना, जिसे राजगीर कुंड भी कहा जाता है, अपनी महत्ता और अलग गुणवत्ता से भरपूर यहां आने वाले प्रयटकों के प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. ऐसा प्रसिद्द है की अगर किसी को चार्म रोग हो और वो इस झरने में स्नान कर  लेता है तो उसको चर्म रोग से मुक्ति मिल जाती है. यात्रियों की सुविधाओं के लिए यहाँ कई छोटे-छोटे कुंड बनाये गए हैं. 

तो ये थे राजगीर के 6 दर्शनीय स्थल. आपको भी जब मौक़ा मिले आइये राजगीर। आप जब यहां की सुंदरता से वाक़िफ़ होंगे तो आपके मुंह से खुद-ब-खुद निकल जाएगा- "गज़ब बिहार"










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