पटना का गोलघर- एक अद्वितीय धरोहर - गज़ब बिहार

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Tuesday 26 February 2019

पटना का गोलघर- एक अद्वितीय धरोहर

पटना का गोलघर- एक अद्वितीय धरोहर 

Gazab Bihar
Kumar Anshu


"गज़ब बिहार"-  यूं तो आपने  गोलघर का नाम ज़रुर  सुना होगा और शायद   आपने देखा भी होगा. लेकिन गोलघर के बारे में कई ऐसी बातें नहीं जानते होंगें, जो रहस्यमय है. लेकिन आज हम आपको अपने ब्लॉग "गज़ब बिहार" के माध्यम से गोलघर  के बारे में ऐसी अनसुनी और अनकही बातें बताएँगे, जिसे सुन कर और जानकार आप चौक जाएंगे और आपके भी मुंह से निकलेगा- "गज़ब बिहार".

गोलघर  
गोलघर का इतिहास  
गोलघर के बारे में रोचक तथ्य 
 गज़ब बिहार 
CONCLUSION 

1. गोलघर 
बिहार की राजधानी पटना में स्थित गोलघर आज भी अपना अस्तित्व लिए वर्षों से खड़ा है. "गोलघर" कोइ साधारण नाम या साधारण जगह नहीं है, बल्कि बिहार की शान है यह. पटना के पश्चिमी किनारे पर स्थित गोलघर को देखने के बाद सिर्फ आप यही कहेंगे यह पटना का गोलघर है. लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार का गौरव गोलघर अपनी अलग पहचान और अलग छवि के लिए भी जाना जाता है. 

2. गोलघर का इतिहास 
आईये, गोलघर के इतिहास के झरोखों में आपको लेकर चलता हूँ. जब आप गोलघर के इतिहास और उसके रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे तो आपके मुंह से खुद-ब- खुद निकल जायेगए 'गज़ब बिहार'. 
1770 का दौर था. कुदरत का कहर लोगों पर टूटा और करीब एक करोड़ लोग भूखमरी का शिकार हो गए. हर चेहरा मुरझाया हुआ नज़र आने लगा. अन्न की बहुत आवश्यकता पड़ी.  उस समय देश में ब्रिटिश दौर था और उसी समय गोलघर की योजना गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग द्वारा की गयी थी. लेकिन इसे ढाँचे में परिवर्तिति किया गया ब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन जान गर्स्टिन द्वारा. 
अन्न भंडारण के लिए 20 जुलाई 1784 को गोलघर का निर्माण अन्न भंडारण के लिए शुरू किया गया और 20 जुलाई  को इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया. जब गोलघर का निर्माण हुआ, तब किसी ने शायद नहीं सोचा होगा कि यह गोलघर एक अद्वितीय धरोहर बन जाएगा.

3.गोलघर के बारे में रोचक तथ्य 
1.बिहार की शान है गोलघर|.
2.गोलघर बिहार का एक अद्वितीर धरोहर है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.
3.गोलघर का आकार 125 मीटर और ऊचाई 29 मीटर है.
4.आपको बता दें कि गोलघर में कोई भी स्तम्भ नहीं है. 
5.गोलघर की दीवारें आधार में 3.6 मीटर मोटी हैं. 
6.गोलघर के शिखर पर लगभग तीन मीटर तक ईंट की जगह पत्थरों का प्रयोग किया गया है।
7.गोलघर के शीर्ष पर दो फीट 7 इंच व्यास का छिद्र अनाज डालने के लिये छोड़ा गया था, जिसे बाद में भर दिया गया। 
8.गोलघर में एक साथ 140000 टन अनाज़ रखा जा सकता है।
9.145 सीढियों के सहारे आप इसके उपरी सिरे पर जा सकते हैं जहाँ से शहर का एक बड़ा हिस्सा देखा जा सकता है।
10.गोलघर को 1979 में राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया।
11.गोलघर के अंदर एक आवाज 27-32 बार प्रतिध्वनित होती है। यह अपने आप में अद्वितीय है।
Golghar

4.गज़ब बिहार 
गोलघर के बारे में ये सारी बातें जान कर आप निश्चित तौर पर चौक गए होंगे. और हो भी क्यों ना, गोलघर जितना अद्वितीय है, इससे जुड़े तथ्य भी उतने ही रोमांचक भी. अब तो आप भी सोच रहे होंगे और एक बार ज़रूर दिल से बोलेंगे होंगे- गज़ब बिहार

5.CONCLUSION 
दोस्तों! गज़ब बिहार ब्लॉग आपका ही ब्लॉग है. सिर्फ हम ही नहीं कहेंगे और हम ही नहीं बताएँगे. अगर आपके पास भी बिहार से जुडी किसी जगह, व्यक्ति विशेष या अन्य तरह की रोचक जानकारी या तस्वीरें हैं तो आप हमें ज़रूर भेजिए. हम आपकी तस्वीरों और आपकी बातों को दुनिया से रु-ब-रु कराएंगे. ताकि सिर्फ मैं, हम और आप नहीं...बल्कि सभी एक स्वर में बोलें- "गज़ब बिहार." 


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