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Sunday 7 July 2019

Super 30: Real Life से Reel Life तक का सफ़र

July 07, 2019 0

Super 30: Real Life से Reel Life तक का सफ़र

Super 30: Real Life से Reel Life तक का सफ़र

आज हम अपने ब्लॉग ग़ज़ब बिहार के माध्यम से आपको बताएंगे Super 30: Real Life से Reel Life तक का सफ़र और चर्चा करेंगे बिहार के एक ऐसे व्यक्तित्व के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्होंने अपनी चाहत और लगन की बदौलत ना सिर्फ अपने तक़दीर की कहानी लिखी, बल्कि कई अन्य छात्रों के सपनों को भी एक नई उड़ान दी। और जहां से हर टैलेंट को एक आसमान मिला उड़ान के लिए उसका नाम है "Super 30".

Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार

कहते हैं कि चाह लो अगर दिल से तो कोई मंज़िल दूर नहीं। और यह बात पूरी तरह से यथार्थ साबित होती है आनंद कुमार पर। साधारण से दिखने वाले आनंद कुमार ने वो असाधारण काम कर दिखाया, जिसके बारे में लोग कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

शुरुवाती सफ़र का किस्सा

सन 1994 का वह दौर था, जब Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सपना देखा कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने की। मेधावी आनंद कुमार ने बाज़ी मार ली। यानि कि उनका सपना सच होता हुआ नज़र आने लगा जब उनको कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल गया।
लेकिन कहते हैं ना कि मुश्किलें हर मोड़ पर इंसान का इम्तिहान लेती है और कुछ ऐसा ही आंनद कुमार के साथ। जब पता चला कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ने की फीस बहुत ज़्यादा है। उन्होंने सोचा कि मेरे पास तो वहां  जाने के लिए पैसे नहीं है , फिर मैं इतनी रकम कैसे दे पाऊंगा कॉलेज में फीस के तौर पर।
Super 30: Real Life से Reel Life तक का सफ़र
Super 30

और यही पर रुक गया आंनद कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की तरफ जाने वाला सफ़र। लेकिन कहते हैं कि "जिनके अपने सपने पूरे नहीं होते, वो अपने दम पर दूसरों के सपने पूरे करते हैं"। और यहां से एक नई यात्रा शुरू हुई आनंद कुमार की।

छोटे से कोचिंग की आनंद कुमार ने की शुरुवात

आनंद कुमार के घर पर उनकी माँ पापड़ बनाती थी और उसी से उनके घर का खर्च निकलता था। फिर आनंद कुमार ने 500 रुपये का एक कमरा किराए पर लिया और स्टूडेंट को पढ़ाना शुरू किया। मेहनत तो किसी ना किसी दिन रंग लाती है, जब आप लगातार अपना काम करते जाते हैं। और ऐसा ही हुआ आनंद कुमार के साथ। महज़ 3 साल में ही आनंद कुमार की कोचिंग में छात्रों की संख्या 500 हो गई और दिन प्रतिदिन यह संख्या बढ़ने भी लगी और फिर उनका सफ़र रफ्तार पकड़ लिया।

कैसे बना सुपर 30?

सन् 2000 का दौर था ।तब एक गरीब छात्र आनंद कुमार के पास आया, जो IIT-JEE करना चाहता था, लेकिन फीस और अन्य खर्च के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। यहीं से आनंद कुमार के मन में विचार आया कि कुछ अलग और नया कर सकते हैं। हम अपनी बदौलत सबके सपने पूरे करेंगे। और फिर इस पर प्लान करते करते  आनंद कुमार ने 2002 में Super 30 प्रोग्राम की शुरुआत की,  जहां गरीब बच्चों को IIT-JEE  की मुफ्त कोचिंग दी जाने लगी।  

Super 30 बन गया मिसाल

चाहत जब कुछ कर गुजरने की हो, तो आपको दुनिया की कोई ताक़त रोक नहीं सकती। ऐसा ही हुआ आनंद कुमार के साथ। Super 30 अब सबके लिए मिसाल बन गया तह। ब्रांड बन गया था। Super 30 में 30 छात्रों का एडमिशन होता है और सभी के सभी छात्र IIT में क्वालिफाई करते हैं।

आनंद कुमार की उपलब्धि

गरीब बच्चो को आईआईटी जेईई की कोचिंग देने के लिए उनका नाम सन 2009 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी शामिल किया गया है। उनके कोचिंग Super 30 के इस अभियान को ‘टाइम’ मैगज़ीन में ‘बेस्ट ऑफ़ एशिया 2010’ कीसूची में भी शामिल किया गया था।
आनंद कुमार के इस ‘सुपर 30’ अभियान पर मार्च 2009 में डिस्कवरी चैनल पर एक घंटे की डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गयी थीउनकी इस जबरदस्त कहानी को ‘द न्यू यॉर्क टाइम्स’ में भी प्रकाशित किया गया था।

और अब बड़े पर्दे पर दिखेगी Super 30 और आनंद कुमार की कहानी

कई उपलब्धियां अपनई जिंदगी में हासिल करने वाले आनंद कुमार और Super 30 के ऊपर एक फ़िल्म बनने जा रही है जिसका नाम है "Super 30". इस फ़िल्म में सुपरस्टार रितिक रोशन मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे। अभी से है यह फ़िल्म चर्चा का विषय बनी हुई है और दर्शक इसके रिलीज होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

Conclusion
तो दोस्तों! यह थी Super 30 और आनंद कुमार की कहानी। बिहार के इस होनहार व्यक्तित्व को आज पूरी दुनिया सलाम करती है और ग़ज़ब बिहार ब्लॉग इन पर नाज़ करता है। 
हमने अपने ब्लॉग के ज़रिए बताया Super 30: Real Life से Reel Life तक का सफ़र। उम्मीद है हमारा पोस्ट आपको पसंद आएगा। अगले सफ़र में फिर से मुलाक़ात होगी आप सभी से एक ऐसे ही बिहार के रोचक विषय के साथ। जुड़े रहिये ग़ज़ब बिहार के साथ और शेयर कीजिये आप भी अपनी बातें।
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Saturday 15 June 2019

3 Famous TV Journalists Of Bihar

June 15, 2019 0

3 Famous TV Journalists of Bihar

गज़ब बिहार is Going To Let You know about  3 Famous TV Journalists of Bihar. चाहे कोई भी क्षेत्र क्यों ना हो? हर क्षेत्र में बिहारी अपने नाम का परचम लहराते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन 3 Famous TV Journalists of Bihar के बारे में जिन्होंने अपने नाम का परचम पूरी दुनिया में लहराया है।

तो आइए मिलिए उन 5 TV Journalists of Bihar से। यकीन है, आप जब इनसे मिलेंगे तो आपके भी मुंह से ज़रूर एक बार निकल जायेगा- ग़ज़ब बिहार

1. अंजना ओम कश्यप
5 TV Journalists Of Bihar, Silsila Zindagi ka
Anjana Om Kashyap
इस नाम से तो आप बखूबी ही परिचित होंगे। आज तक की एंकर अंजना ओम कश्यप टीवी पत्रकारिता की दुनिया में पिछले कई सालों से कार्यरत हैं। इनका बेबाक अंदाज़ और इनकी निर्भिकिता से हर कोई वाकिफ़ है। 
बिहार से belong करने वाली अंजना ओम कश्यप ने जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज में पत्रकारिता दे डिप्लोमा किया। 
अंजना ओम कश्यप ने मंगेश कश्यप से शादी की।इन्हें दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है. इनके पति मंगेश कश्यप आईपीएस ऑफिसर हैं. अंजना जी न्यूज और न्यूज24 जैसे चैनलों में काम कर चुकी हैं. इस समय ये आज तक में कार्यरत हैं 

2. श्वेता सिंह

3 Famous TV Journalists Of Bihar, Shweta Singh

बिहार राज्य से belong करने वाली श्वेता सिंह आज तक की समाचार एंकर है। बेहद ही मशहूर श्वेता सिंह पिछले कई सालों से पत्रकारिता जगत में संलग्न हैं। पत्रकारिता में दो दशक से अधिक वक्त बिता चुकीं श्वेता, 15 वर्षों से आजतक से जुड़ी हैं. श्वेता टीवी न्यूज़ के हर क्षेत्र में महारथ रखती हैं।
श्वेता इकलौती पत्रकार हैं जिन्हें सर्वश्रेष्ठ ऐंकर, सर्वश्रेष्ठ प्रोड्यूसर और सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टर का अवॉर्ड मिल चुका है. 2016 में श्वेता को अलग अलग समारोह में कुल 12 अवॉर्ड मिले थे, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. उनके पति का नाम संकेत कोटकर है।

3. रवीश कुमार

3 Famous TV Journalists of Bihar, Ravish Kumar
Ravish Kumar
एनडीटीवी के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक रवीश कुमार भी बिहार से ही belong करने वाले रवीश कुमार पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता की दुनिया में कार्यरत हैं।


रवीश कुमार का प्राइम टाइम शो वर्तमान में काफी लोकप्रिय है।2016 में "The Indian Express" ने अपनी '100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों' की सूची में उन्हें भी शामिल किया था।

Conclusion: तो ये थे 3 Famous TV Journalists Of Bihar. वाक़ई ऐसे दिग्गज़ों को देखकर आपके मुंह से भी एक बार जरूर निकला होगा "ग़ज़ब बिहार"।

ग़ज़ब बिहार के एक नए पोस्ट के साथ हम फिर आपसे जल्दी ही रूबरू होते हैं। जुड़े रहिये हमारे साथ।

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Tuesday 14 May 2019

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, कहाँ खो गए?

May 14, 2019 0

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, कहाँ खो गए?

कभी उन्हें चेहरे पर मुस्कुराहट लिए तो कभी आँखों में आंसू लिए हुए देखा जाता रहा है. कभी चलते हुए तो कभी किसी जगह पर थम कर घंटों सोचते हुए लोगों ने देखा है उन्हें. उन्हें जब भी देखा है लोगों ने उसी नज़रिए से देखा है, जो वो हैं. 
ज़वानी का दौर था तब उन्हें लोग वैज्ञानिक जी कहते थे और आज भी शायद बिहार के इस धरोहर को लोग उसी नज़र से देखते हैं. क्योंकि आज भी 74 साल के इस गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की कहानी ज़िंदगी की कहानी सबसे अलग है. 
तो आईये मिलिए इस भारत के महान गणितज्ञ और बिहार की आन, बान शान श्री  वशिष्ठ नारायण सिंह जी से जो आज कहीं गुमनामी की गलियों में  खो गए हैं?

बिहार से कैलिफोर्निया तक का सफ़र 

गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह तब पटना साइंस कॉलेज में पढ़ते थे. उसी समय कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर कैली की नज़र उन पर पड़ी. कैली ने उनसे मिलते ही उनकी प्रतिभा की पहचान कर लिया और १९६५ में गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह अमेरिका चले गए.
 वशिष्ठ नारायण सिंह ने आंइस्टीन के सापेक्ष सिद्धांत को चुनौती दी थी. उनके बारे में मशहूर है कि नासा में अपोलो की लांचिंग से पहले जब 31 कंप्यूटर कुछ समय के लिए बंद हो गए तो कंप्यूटर ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर्स का कैलकुलेशन एक था.

पढ़ने और लिखने की दुनिया

आज भी गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पढ़ने-लिखने का दौर जारी है. आज भी उनके परिवार वालों को उनके लिए पेन्सिल, किताबें और कॉपी खरीद कर लानी पड़ती है. आज भी यह गणितज्ञ दीवारों पर कुछ लिखता है और बुदबुदाता है. 


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Tuesday 26 February 2019

पटना का गोलघर- एक अद्वितीय धरोहर

February 26, 2019 0

पटना का गोलघर- एक अद्वितीय धरोहर 

Gazab Bihar
Kumar Anshu


"गज़ब बिहार"-  यूं तो आपने  गोलघर का नाम ज़रुर  सुना होगा और शायद   आपने देखा भी होगा. लेकिन गोलघर के बारे में कई ऐसी बातें नहीं जानते होंगें, जो रहस्यमय है. लेकिन आज हम आपको अपने ब्लॉग "गज़ब बिहार" के माध्यम से गोलघर  के बारे में ऐसी अनसुनी और अनकही बातें बताएँगे, जिसे सुन कर और जानकार आप चौक जाएंगे और आपके भी मुंह से निकलेगा- "गज़ब बिहार".

गोलघर  
गोलघर का इतिहास  
गोलघर के बारे में रोचक तथ्य 
 गज़ब बिहार 
CONCLUSION 

1. गोलघर 
बिहार की राजधानी पटना में स्थित गोलघर आज भी अपना अस्तित्व लिए वर्षों से खड़ा है. "गोलघर" कोइ साधारण नाम या साधारण जगह नहीं है, बल्कि बिहार की शान है यह. पटना के पश्चिमी किनारे पर स्थित गोलघर को देखने के बाद सिर्फ आप यही कहेंगे यह पटना का गोलघर है. लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार का गौरव गोलघर अपनी अलग पहचान और अलग छवि के लिए भी जाना जाता है. 

2. गोलघर का इतिहास 
आईये, गोलघर के इतिहास के झरोखों में आपको लेकर चलता हूँ. जब आप गोलघर के इतिहास और उसके रोचक तथ्यों के बारे में जानेंगे तो आपके मुंह से खुद-ब- खुद निकल जायेगए 'गज़ब बिहार'. 
1770 का दौर था. कुदरत का कहर लोगों पर टूटा और करीब एक करोड़ लोग भूखमरी का शिकार हो गए. हर चेहरा मुरझाया हुआ नज़र आने लगा. अन्न की बहुत आवश्यकता पड़ी.  उस समय देश में ब्रिटिश दौर था और उसी समय गोलघर की योजना गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग द्वारा की गयी थी. लेकिन इसे ढाँचे में परिवर्तिति किया गया ब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन जान गर्स्टिन द्वारा. 
अन्न भंडारण के लिए 20 जुलाई 1784 को गोलघर का निर्माण अन्न भंडारण के लिए शुरू किया गया और 20 जुलाई  को इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया. जब गोलघर का निर्माण हुआ, तब किसी ने शायद नहीं सोचा होगा कि यह गोलघर एक अद्वितीय धरोहर बन जाएगा.

3.गोलघर के बारे में रोचक तथ्य 
1.बिहार की शान है गोलघर|.
2.गोलघर बिहार का एक अद्वितीर धरोहर है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.
3.गोलघर का आकार 125 मीटर और ऊचाई 29 मीटर है.
4.आपको बता दें कि गोलघर में कोई भी स्तम्भ नहीं है. 
5.गोलघर की दीवारें आधार में 3.6 मीटर मोटी हैं. 
6.गोलघर के शिखर पर लगभग तीन मीटर तक ईंट की जगह पत्थरों का प्रयोग किया गया है।
7.गोलघर के शीर्ष पर दो फीट 7 इंच व्यास का छिद्र अनाज डालने के लिये छोड़ा गया था, जिसे बाद में भर दिया गया। 
8.गोलघर में एक साथ 140000 टन अनाज़ रखा जा सकता है।
9.145 सीढियों के सहारे आप इसके उपरी सिरे पर जा सकते हैं जहाँ से शहर का एक बड़ा हिस्सा देखा जा सकता है।
10.गोलघर को 1979 में राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया।
11.गोलघर के अंदर एक आवाज 27-32 बार प्रतिध्वनित होती है। यह अपने आप में अद्वितीय है।
Golghar

4.गज़ब बिहार 
गोलघर के बारे में ये सारी बातें जान कर आप निश्चित तौर पर चौक गए होंगे. और हो भी क्यों ना, गोलघर जितना अद्वितीय है, इससे जुड़े तथ्य भी उतने ही रोमांचक भी. अब तो आप भी सोच रहे होंगे और एक बार ज़रूर दिल से बोलेंगे होंगे- गज़ब बिहार

5.CONCLUSION 
दोस्तों! गज़ब बिहार ब्लॉग आपका ही ब्लॉग है. सिर्फ हम ही नहीं कहेंगे और हम ही नहीं बताएँगे. अगर आपके पास भी बिहार से जुडी किसी जगह, व्यक्ति विशेष या अन्य तरह की रोचक जानकारी या तस्वीरें हैं तो आप हमें ज़रूर भेजिए. हम आपकी तस्वीरों और आपकी बातों को दुनिया से रु-ब-रु कराएंगे. ताकि सिर्फ मैं, हम और आप नहीं...बल्कि सभी एक स्वर में बोलें- "गज़ब बिहार." 


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Friday 15 February 2019

Gazab Bihar- चलिए, राजगीर चलते हैं

February 15, 2019 0

Gazab Bihar
Rajgir-Vishwa Sgabti stup
Vihswa Shanti Stup
- चलिए, राजगीर चलते हैं 

गज़ब बिहार के साथ चलिए राजगीर का भ्रमण कीजिये. आप सोच  रहे होंगे कि  ऐसा क्या है वहाँ? पर वास्तव में जब एक बार आप वहाँ जायेंगे और वहाँ की वादियों को देखेंगे तो आपके मुंह से भी निकल जाएगा- "गज़ब बिहार".

इसमें दो मत नहीं है कि बिहार में एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक और ख़ूबसूरत दर्शनीय स्थल हैं, जो पर्यटकों का केंद्र है.

बिहार की बात आये और राजगीर की चर्चा ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि बिहार की आन, बान और शान है राजगीर. प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर और शुद्ध वातावरण से घिरा हुआ राजगीर धरती पर किसी स्वर्ग से कम नहीं है.
राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था. यह एक ऐतिहासिक स्थल के साथ-सात धार्मिक स्थल भी है, जिसमें ना जाने कितने रहस्य और कितनी कहानियां छुपी हुयी हैं. 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राजगीर कभी ब्रह्मा की पवित्र यज्ञ भूमि और जैन तीर्थंकर महावीर और भगवान बुद्ध की साधनाभूमि रही है. ख़ास कर के राजगीर का बौद्ध धर्म से बहुत प्राचीन सम्बन्ध  रहा है. महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन का कई वर्ष यहाँ बिताया था और उन्होंने कई उपदेश भी यहीं से दिया था.
Rajgir Mountain-Gazab Bihar

पटना से 60KM की दूरी पर 5 पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच स्थित राजगीर हिन्दू, जैन और बौद्ध- तीनों धर्मों का धार्मिक स्थल है.
 यहाँ हर साल हज़ारों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. जो एक बार राजगीर आ गया, उसका मन और हृदय यहीं का हो कर रह जाता है. "गज़ब बिहार" का दावा है, आप भी यहाँ आईये... आप अपने साथ कई यादें ले कर जाएंगे.  

राजगीर के 6 प्रमुख दर्शनीय स्थल
"गज़ब बिहार"आपको राजगीर के 6  उन दर्शनीय स्थलों के बारे में  बताने जा रहे हैं, जो प्रसिद्ध हैं. 
वेणुवन 
राजा बिम्बिसार द्वारा भगवान बुद्ध को रहने के लिए जो निवास स्थान बनवाया था उसे "वेणुवन" के नाम से जाना जाता है. बुद्ध कई सालों तक "वेणुवन" में समय व्यतीत किये थे.


विश्व शान्ति स्तूप 
इस स्तूप का व्यास 103 फुट व ऊंचाई 120 फुट है, जो पर्यटकों के आकर्षण का बहुत बड़ा केंद्र है. विश्व शान्ति का सन्देश देने वाला यह स्तूप राजगीर जापान बौद्ध संघ के अध्यक्ष 'निचिदात्सु फूजी" की कल्पना का एक ऐतिहासिक धरोहर है. 

पंच पहाड़ी 
राजगीर पांच पहाड़ियों से  घिरा हुआ है और जिन पांच पहाड़ियों ने राजगीर को घेर रखा है उन्हें "पंच पहाड़ी" के नाम से जाना जाता है. विदित हों की ये पाँचों पहाड़ियां 1000 फुट ऊंची हैं और इन पाँचों पहाड़ियों के नाम हैं- वैभार, विपुलाचल, रत्नागिरी, उदयगिरि और सोनगिरि. 

जरासंध की बैठक 
जैसा की जरासंध की कहानी सभी जानते हैं. यह एक बेहद ऊंचा स्थान है. जरासंध की बैठक प्राकृतिक रूप से वैभार जाने वाले रास्ते में बना है. जरासंध अपने दरबारियों की मंडली यहीं पर बिठाता था. बौद्ध समुदाय के लोग इसे पिप्पल गुफा कहते हैं. 

बिम्बिसार की जेल 
अगर आप राजगीर जा रहे हैं तो "बिम्बिसार की जेल" का दीदार करना ना भूलें. क्योंकि अधिकाँश पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र यह स्थल भी है.  मनियार मठ के करीब २०० फुट लम्बी, करीब एक किलोमीटर की दूरी तक पत्थरों की दीवारों से घिरी यह चौड़ी जेल अपने आप में ऐतिहासकि है. अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार को इसी जगह कैद कर रखा था.

गर्म पानी का झरना- राजगीर कुंड 
राजगीर का "गर्म पानी का झरना, जिसे राजगीर कुंड भी कहा जाता है, अपनी महत्ता और अलग गुणवत्ता से भरपूर यहां आने वाले प्रयटकों के प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. ऐसा प्रसिद्द है की अगर किसी को चार्म रोग हो और वो इस झरने में स्नान कर  लेता है तो उसको चर्म रोग से मुक्ति मिल जाती है. यात्रियों की सुविधाओं के लिए यहाँ कई छोटे-छोटे कुंड बनाये गए हैं. 

तो ये थे राजगीर के 6 दर्शनीय स्थल. आपको भी जब मौक़ा मिले आइये राजगीर। आप जब यहां की सुंदरता से वाक़िफ़ होंगे तो आपके मुंह से खुद-ब-खुद निकल जाएगा- "गज़ब बिहार"










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Wednesday 13 February 2019

Gazab Bihar- ग़ज़ब बिहार

February 13, 2019 1

ग़ज़ब बिहार  

Written By: Kumar Anshu & Anil Pandeyy

एक  बिहारी सौ  बीमारी  और  एक  बिहारी  सब  पे  भारी....इन दोनों कहावत से तो आप बखूबी परिचित होंगे. लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है, शायद आप इसे नहीं जानते होंगे. आज हम आपको इन दोनों बातों से अवगत कराएंगे.
पटना का गोलघर 


एक बिहारी सौ बीमारी 
यह सच है कि बिहारी कहीं भी जाते हैं तो अपना जामा दूसरों को पहनाते हैं. बिहार के लोगों को किसी अन्य रंग की ज़रूरत नहीं पड़ती, बल्कि वो अपने रंग में हर किसी को रंग देते हैं और यह बात लोगों को हजम नहीं होती.लेकिन सोचने वाली बात तो यह कि इसमें दिक्कत क्या है? यह खूबी तो है कि बिहारी अपने रंग में सबको रंग देते हैं. 
दुसरी बात यह कि लोग ऐसा कहते हैं कि बिहारी कहीं भी चले जाएँ, अपनी भाषा, अपने बोल-चाल नहीं छोड़ते हैं. अगर पंजाबी, गुजराती या अन्य किसी भी राज्य के लोग अपनी भाषा नहीं बदलते तो बिहारी क्यों बदलें...? उनके भाषा भी तो उनके लिए शान है. और आज देख लीजिये कि बिहारी भाषा की बीमारी हर किसी किसी को लग गयी है. रीयल लाइफ हो या रील लाइफ...बिना बिहारी भाषा के कुछ भी सम्भव नहीं है. 

हर किसी को पता है कि शून्य के बिना कोई भी गणित अधूरी है. लेकिन शून्य की बीमारी आपको किसने लगाया...? आप कहेंगे- आर्यभट्ट ने तो आर्यभट्ट कहाँ के थे....? "बिहार से".
भारतीय तिरंगे की शान :"अशोक चक्र"- किसने दिया था...? आप कहेंगे -अशोक महान ने. तो अशोक महान कहाँ से थे- बिहार से.  
तो ज़रा सोचिये, क्या इस बीमारी के बिना आप रह सकते हैं...? और क्या यह लत ग़लत है...?  यकीन कीजिये- एक बिहारी जो सौ बीमारी पैदा करता है उसमें आप ही की भलाई है. चाहे वो बोल-चाल हो, खान-पान हो, कला हो,भाषा हो,  ज्ञान या विज्ञान हो, धर्म या कर्म हो, शान्ति या क्रान्ति हो...हर क्षेत्र में बिहारी आज आगे  हैं. बिहारियों की बीमारी भी दुनिया में सबसे अलग है. तभी तो कहते हैं "एक बिहारी, सौ बीमारी".

Gazab Bihar
बिहार की संस्कृति को दुनिया से अवगत कराने वाले "बिदेसिया" के निर्देशक "संजय उपाध्याय जी" 

एक बिहारी, सब पे भारी 
हर छोटे से छोटा काम अगर कोई कर सकता है तो वो है बिहारी. हर बड़ा से बड़ा काम अगर कोई कर सकता है तो वो है बिहारी. बिहारियों को अशिक्षित कहा जाता है, गंवार कहा जाता है, जो कि बिलकुल ही सत्य से परे है. 
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे. कितने गौरव और शान की बात है...? हर साल देश से सबसे ज़्यादा IAS अगर कहीं से निकलते हैं तो बिहार से. इसके अलावा बिहार की मिट्टी से अन्य क्षेत्रों में भी अनेकों लोग अपना परचम लहरा रहे हैं. 
बिहार की कला, संस्कृति, बोल-चाल दुनिया में सबसे अलग है, जिसका कोई जोड़ नहीं है. आप देख लीजिये बिहारी किसी से कम नहीं हैं, बल्कि हर क्षेत्र में सब पे भारी हैं. अगर आप बिहार को नज़दीक से देखेंगें तो आप भी ज़रूर कहेंगे "एक बिहारी, सब पे भारी".

ग़ज़ब बिहार 
हम अपने ब्लॉग गज़ब बिहार के माध्यम से आपको पूरे बिहार का भ्रमण करायेंगें.  बिहार की कला, संस्कृति, खान-पान ,रहन-सहन, बोल-चाल, बिहार के इतिहास, यहां के रहस्यों खूबसूरत जगहों और यहां के व्यक्तित्व से जब आपको  परिचित कराएंगे तो आपके मुंह से भी ज़रूर एक बार निकलेगा- "ग़ज़ब बिहार".
हम आपका स्वागत करते हैं. आप हमारे ब्लॉग से जुड़िये. आप भी अच्छी तस्वीरें भेजिए बिहार के किसी भी कोने की. हम इस ब्लॉग के माध्यम से उसे दुनिया को दिखाएंगे और बताएंगें बिहार के बारे में. ताकि दुनिया भी कहे- "गज़ब बिहार".
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